
ब्रह्मा – मन ही करता है विचारों का सृजन । यहीं होता है इच्छाओं का आवागमन । ब्रह्मा का अस्त्र है, कल्पना शक्ति ।
विष्णु – मन ही संचालक है । यही करता है अच्छे और बुरे विचारों में अंतर व विभिन्न इच्छाओं को समानांतर । विष्णु का अस्त्र है, बुद्धि व विवेक ।
महेश – मन की पृष्ठभूमि में ही होता है दुर्विचारों का संहार और शुभ संकल्पों का प्रसार । महेश का अस्त्र है, ध्यान व योग ।
Beautifully Explained…..
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