
जब काबू हो जाएगा मन, तब सफल हो जाएगा जीवन ।
ज्ञान वह नहीं जो हम कहते हैं, ज्ञान वह है जो हम करते हैं।
ज्ञान का जब हर क्षण होगा पालन, तब ही होगा ज्ञान का जीवंत उदाहरण ।
पहले जानो और समझो क्या है ज्ञान, तब ही होगा मन शांत और निर्विघ्न होगा ध्यान ।
ध्यान सिर्फ़ वह नहीं जिसका हम करते हैं एकांत में अनुसरण, ध्यान वह भी है जो हम देते हैं अपने मन, वचन और कर्म पर हर घड़ी हर क्षण ।
आँखें होती हैं हमारी आत्मा का दर्पण, हम आँखें बंद करते हैं तो अपनी आत्मा के करते हैं दर्शन, और जब झांकते हैं दूसरों की आँखों में तब वहाँ झलकता है उनकी आत्मा का प्रतिबिंब कण – कण।