
जीवन में स्थाई सुख व शांति के लिए निम्नलिखित निर्देशों का पालन अवश्य करें –
मन के खिड़की व दरवाज़ों को हमेशा खुला रखें। यहाँ किसी भी प्रकार की दुर्गंध को न रहने दें। हमेशा ही ताज़ी हवा के निर्विघ्न प्रवाह से मन की स्थिति तरो- ताज़ी बनाए रखें। किसी भी तरह की नकारात्मक सोच को यहाँ प्रवेश न दें। साकारातमक सोच अपनाएँ । जीवन के प्रति एक उर्जावान दृष्टिकोण बनाएं । समस्याओं और कठिनाईयों को सुलझाने के लिए एक आशावादी नज़रिया रखें।
मन की ज़मीन की वक्त – वक्त से सफाई करते रहें। पुरानी जीवन शैलि छोड़कर नए तरीके व नई जीवन पद्धति अपनाएं। नए विचारों व आविष्कारों के विषय में निरंतर जागरूक रहें । नई विचारधाराओं को निरंकुश स्वीकारें । वक्त के साथ निरंतर आगे बढ़ते रहें।
मन की दीवारों पर पड़ी पुरानी पुताई उतार कर इसे एक नया रंग रूप दें। यहाँ नई स्मृतियों का निर्माण करें। बीते पल को बीते कल में ही छोड़ दें। अपने व्यक्तित्व को निखारें। कोई नई कला सीखें या कोई नया हुनर आज़माएं।
मन की छत पर पड़े सभी बोझ उतार दें। नई उर्जा के संचालन के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है । पुराने लोग व पुराने रिश्ते जिससे आपको सिर्फ निराशा और हताशा ही मिलती है और जहाँ सुधार की कोई उम्मीद न हो, उसे जीवन से दर किनार कर दें। साझी सोच वाले लोगों से मेल जोल बढ़ाऐं। नए मित्र बनाएं जो आपके जीवन में खुशहाली लाऐं।
मन के किसी भी कोने में धूल न जमी रहने दें। मन का वातावरण शुद्ध व पवित्र बना रहे। प्रभु सुमिरन और ज्ञान विवेचन से मन की पवित्रता कायम रहती है और मन पर पड़ी सभी प्रकार की सांसारिक धूल हट जाती है और नई परतें जमने नहीं पाती।
वाह, खूब कहा 🙏🙏
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Thanks for the feedback.
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