
संसार में हो कर भी, संसार से दूर रहना, जैसे कीचर में कमल का बहना।
बहुत कुछ सह कर भी चुप रहना, हाँ मगर अपना आत्म सम्मान भी न मिटने देना।
हमेशा अपनी ही धुन में न मगन रहना, कभी सही समय और वजह पर सिर भी झुका लेना।
परिस्थितियां भले ही कितनी प्रतिकूल क्यों न हो, कभी अपना आत्म विश्वास न डिगने देना।
कभी खुशी तो कभी ग़म, कभी भी न किसी से कुछ कहना, बस हर हाल में मुस्कुराते रहना।