
मन तो करता ही रहता है अपनी मनमानी, लेकिन हमे है आज इसे एक अच्छी बात समझानी, की मनमौजी मन, अभी करने दो हमे थोड़ा प्रभु ध्यान और सुनने दो अमृत वाणी।
क्योंकि, हमे है पता की तुम्हे है हमे क्या बात बतानी, तुम्हारी तो वही है कहानी पुरानी, कही-सुनी ही तो है तुमने फ़िर दोहरानी। मनचले मन, तुम तो हो चंचल, यह बात तो है अब हमारी जानी-मानी और तुम्हारी हर चाल है जानी-पहचानी।
इसीलिए, अब नहीं चलेगी तुम्हारी कोई भी आना-कानी, हमे बहकाने मे न मिलेगी तुम्हे ज़रा भी काम्याबी, भले यह जान कर होगी तुम्हे ज़रूर हैरानी, की अब प्रभु पथ पर चलने की है हमने ठानी, और इस निश्चय का नहीं कोई भी सानी।
Superb lines 👏👏
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बहुत बहुत धन्यवाद । आपको शुभकामनाएं।
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😊😊😊😊😊
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बहुत बहुत धन्यावाद । आपको शुभकामनाएं।
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