जब तक ज़िंदगी है उम्मीदों के चिराग जलाए रखना, उदासियों के सायों से खुद को बचाए रखना, सहरा कितना ही गहरा क्यों न हो, फ़िजाएं फिर मुस्कराएंगी इतना एतबार रखना।
क्योंकि, रात के बाद सवेरा होता ही है, अमावस्य के बाद चाँद चमकता ही है, सूखे के बाद बादल बरसता ही है, यह तो कुदरत का नियम है वक्त का पहिया तो आगे बढ़ता ही है।