संसार तो एक किस्सा है कहानी नहीं, दुनिया प्यास है पानी नहीं। यहाँ सिर्फ तृष्णा है, तृप्ति नहीं। यह जग तो माया है सच नहीं।
परन्तु मन कहता है, सुख, शांति और सन्तोष भी ज़रूर होंगे यहीं कहीं! इस अनमोल खज़ाने का पता तो मिलेगा कभी न कभी, कहीं न कहीं। तो फिर ऐसा कौन है जिसके पास मिलते हैं ये सभी? जहाँ जो है वह मिलता है वहीं! जिसके पास जो है वह देगा भी तो वही!
ऐसे बहुमूल्य रतन तो वही देगा जो स्वयं सम्पूर्ण है अपूर्ण नहीं, जो सत्य है मिथ्या नहीं, जो शाश्वत है क्षणभंगुर नहीं, जो सदा ही देता है मगर कभी लेता नहीं।
अब भला बताओ कौन है वह? बूझो तो जानें!
हाँ सही पहचाना यह तो है वही! उसे अनगिनत नामों और रूपों से पुकारते और जानते हैं हम सभी, कोई कहता है ईश्वर, कोई अल्लाह तो कोई ईसा मसीह।
👌🏼👌🏼
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आपका धन्यवाद। शुभकामनाएं।
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